Tuesday, March 16, 2010

SHIKSHA KYA HAI ?

शिक्षा हमें इन्सान में बदल देती है
इन्सान यदि इन्सान का दर्द नहीं समझ रहा तो समझिये कि वह यदि उच्च शिसित भी है तो इन्सान नहीं है और इंसानियत का वास्ता उससे कही दूर है। अथार्त इन्सान के लिए आवस्यक है कि वह वाकई शिक्षित होने से अच्छा अशिंक्षत होना ।

महात्मा गाँधी जी ने कहा था कि............

इस प्रकार की शिक्षा यदि पांच-पच्चीस व्यक्तियों को मिल जाय तो उतना काफी नहीं
है। उसे करोड़ों लोगों में फैलाना है। यह कैसे होगा? उसके लिए हमें तैयार होना होगा। इसके लिए हमें अपना समय देना होगा। ...हममें देश पर बलिदान होने की उमंग होनी चाहिए। यदि इस तरह के जोशीले नौजवान बड़ी संख्या में तैयार
हो जायं तो इस दुनिया में कोई ऐसा नहीं है जो हमें सता सके। यह तभी होगा जब हमारे ऊपर से घटायें टलेंगी( तभी हम विजय पायेंगे( तभी भारत आगे बढ़ेगा, तभी हमारा दैन्य दूर होगा और हमारा तेज संसार में प्रकाशित होगा और तभी हम जिसका स्वप्न देख रहे हैं, कल साकार होगा।